Rajasthani Jau Rabdi Kaise Banta Hai:- गर्मी के मौसम में शरीर को ठंडक पहुंचाना बेहद ज़रूरी होता है। चिलचिलाती धूप, लू और पसीने से शरीर की एनर्जी तेजी से खत्म होती है। ऐसे में हमारी परंपरागत भारतीय रसोई में कई ऐसे उपाय मिलते हैं जो ना केवल शरीर को राहत देते हैं, बल्कि सेहत के लिए भी लाभकारी होते हैं।
राजस्थान की गर्म और शुष्क जलवायु में एक खास पेय प्रचलित है – जौ राबड़ी। यह छाछ और जौ के आटे या दलिए से बनी एक ठंडी ड्रिंक है, जिसे खास तौर पर गर्मियों में पिया जाता है। यह ड्रिंक न सिर्फ स्वाद में लाजवाब और हल्की होती है, बल्कि यह शरीर को ठंडा रखने, लू से बचाने और पाचन सुधारने में भी मदद करती है।
जौ एक तरह का अनाज है। इसकी तासीर ठंडी होती है। इसमें कई सारे पोषक तत्व होते हैं। इसमें फाइबर, प्रोटीन, आयरन और कैल्शियम होता है। गर्मियों में इसका सेवन शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। इसका सेवन शरीर को ठंडक पहुंचाने का काम करता है।आप गर्मियों में इसका सेवन कई तरीकों से कर सकते हैं।तो चलिए शुरू करते है Rajasthani Jau Rabdi Banane Ki Vidhi को।
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Jau Rabdi Banane Ki Samagri (सामग्री)

- जौ का आटा या दलिया -2 टेबल स्पून
- छाछ (मट्ठा) -2 कप
- पानी -1 कप
- काला नमक या सफेद नमक – स्वादानुसार
- भुना हुआ जीरा पाउडर -1/2 टीस्पून
- पुदीने के पत्ते (वैकल्पिक) -कुछ पत्तियाँ
Rajasthani Jau Rabdi Banane Ki Vidhi
- सबसे पहले एक बर्तन में 2 टेबल स्पून जौ का आटा या दलिया लें और उसमें थोड़ा पानी,छाछ मिलाकर पतला घोल बना लें ताकि गांठें ना पड़ें।

- अब इस घोल को धीमी आंच पर पकाएं। लगातार चलाते रहें ताकि यह नीचे से ना जले। जब यह गाढ़ा होकर पक जाए (लगभग 5–7 मिनट में), तो गैस बंद कर दें और ठंडा होने दें।
- जब जौ का घोल पूरी तरह से ठंडा हो जाए,
- तब उसमें छाछ (मट्ठा) मिलाएं। चाहें तो मिक्सर में हल्का ब्लेंड भी कर सकते हैं ताकि सब कुछ अच्छे से मिल जाए।

- अब इसमें स्वादानुसार नमक और भुना हुआ जीरा पाउडर डालें। आप चाहें तो कुछ पुदीने की पत्तियाँ भी बारीक काटकर मिला सकते हैं।
- इस मिश्रण को फ्रिज में ठंडा करें और फिर मिट्टी के कुल्हड़ या स्टील के गिलास में परोसें। ऊपर से थोड़ा जीरा पाउडर और पुदीना डालकर सजाएं।
Jau Rabdi Ke Fayde (Rajasthani Jau Rabdi Kaise Banta Hai )
- शरीर को ठंडक देती है:– यह ड्रिंक शरीर के तापमान को कम करने में मदद करती है, जो गर्मियों में बेहद जरूरी है।
- पाचन सुधारती है:– छाछ और जौ दोनों ही पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद हैं।
- लू से बचाव:– राजस्थान जैसे गर्म क्षेत्रों में इसे पीने से लू लगने की संभावना बहुत कम हो जाती है।
- हाइड्रेशन में मददगार:– इसमें पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स भरपूर होते हैं जो शरीर को हाइड्रेटेड रखते हैं।

जौ के स्वास्थ्य लाभ
- जौ पेट संबंधित कई समस्याओं को दूर करने का काम करता है।
- ये ब्लोटिंग, गैस और कब्ज की समस्या से छुटकारा दिलाता है।
- इसका नियमित रूप से सेवन अस्थमा के रोगी के लिए बहुत फायदेमंद है।
- गर्भवती महिलाओं के लिए भी ये बहुत अच्छा होता है।
- ये मॉर्निंग सिकनेस को कम करने का काम करता है।
- ये पथरी की समस्या से निजात दिलाता है।
- ये ब्लड शुगर लेवल को कम करता है।
- ये वजन कम करने में भी मदद करता है।
- जौ में औषधीय गुण होते हैं, ये सर्दी और खांसी में आराम पहुंचाता है।
- जौ में आयरन होता है, ये एनीमिया के जोखिम को कम करने का काम करता है।
- ये त्वचा को हेल्दी बनाए रखने का काम करता है।
- जौ का सेवन लिवर के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है।
- अर्थराइटिस की समस्या से पीड़ित लोगों के लिए ये बहुत लाभकारी साबित हो सकता है।
- जौ का सेवन कैंसर के जोखिम को कम करता है, ये हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता है।
Conclusion
राजस्थानी जौ राबड़ी एक सस्ती, सेहतमंद और स्वादिष्ट देसी ड्रिंक है जो गर्मियों में शरीर को ठंडक देने और पेट को स्वस्थ रखने के लिए आदर्श है। यह हमारी दादी-नानी के जमाने की वह रेसिपी है जिसे आज भी अपनाया जाना चाहिए।
आज ही इसे घर पर ट्राई करें और इस पारंपरिक देसी स्वाद का आनंद लें!
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Rajasthani Jau Rabdi Kaise Banta Hai से जुड़े कुछ प्रश्न
Q1. क्या जौ राबड़ी बच्चों को दी जा सकती है?
हाँ, अगर बच्चा एक साल से ऊपर का है, तो उसे यह हल्की मात्रा में दी जा सकती है।
Q2. क्या इसे रोज़ पिया जा सकता है?
बिलकुल! गर्मियों में इसे रोज़ पीना शरीर को ठंडा और एक्टिव बनाए रखता है।
Q3. अगर छाछ न हो तो क्या विकल्प है?
अगर छाछ उपलब्ध न हो तो दही को पानी में फेंटकर उपयोग कर सकते हैं।
Q4. जौ की राबड़ी क्या है और यह कैसे बनाई जाती है?
जौ की राबड़ी एक पारंपरिक राजस्थानी पेय है, जो जौ के आटे या दलिए और छाछ से तैयार की जाती है। इसे गर्मियों में शरीर को ठंडक देने के लिए पिया जाता है। बनाने की विधि में जौ के आटे को पानी में घोलकर पकाया जाता है, फिर ठंडा करके छाछ में मिलाया जाता है।
Q5. क्या जौ की राबड़ी मधुमेह रोगियों के लिए सुरक्षित है?
जौ में मौजूद फाइबर और बीटा-ग्लूकन रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। हालांकि, मधुमेह रोगियों को इसे सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।
Q6. जौ की रबड़ी को कितने समय तक स्टोर किया जा सकता है?
जौ की राबड़ी को फ्रिज में 24 से 36 घंटे तक सुरक्षित रखा जा सकता है। हालांकि, ताजगी और स्वाद के लिए इसे ताजा बनाकर ही सेवन करना बेहतर होता है।