बरसात का मौसम प्राकृतिक ठंडक और ताजगी लेकर आता है, पर साथ-साथ बढ़ी हुई नमी (Humidity) त्वचा के लिए चुनौती बन जाती है। हवा में मौजूद नमी से पसीना, धूल और बैक्टीरिया त्वचा पर आसानी से चिपक जाते हैं; इसके कारण पोर-क्लॉगिंग, पिंपल्स, ब्लैकहेड्स/व्हाइटहेड्स, ऑयलीनेस और कई बार फंगल रैशेज देखने को मिलते हैं। दूसरी ओर, बार-बार भीगने और फिर एसी/कूलर में बैठने से त्वचा का मॉइस्चर बैलेंस बिगड़ता है—किसी को चिपचिपाहट महसूस होती है तो किसी को हल्की ड्राइनेस और खुजली भी।
हम इस विस्तृत गाइड में Monsoon Skin Care Tips in Hindi के माध्यम से आपके लिए एक डेली-टू-वीकली (CTM + साप्ताहिक) रूटीन, स्किन-टाइप के अनुसार देखभाल, सुरक्षित घरेलू नुस्खे, डाइट/हाइजीन और FAQs साझा कर रहे हैं, ताकि बरसात में आपकी त्वचा हेल्दी, क्लीन और नेचुरली ग्लोइंग बनी रहे। जहाँ ज़रूरत हो, वहाँ हम सावधानी भी सुझाएँगे—क्योंकि स्किन-केयर में कंसिस्टेंसी + जेंटल प्रोडक्ट्स + हाइजीन ही असली गेम-चेंजर हैं।
1) स्किन और मानसून: समस्या क्यों बढ़ती है
- ह्यूमिडिटी ↑: पसीना + सीबम मिलकर पोर बंद करते हैं → पिंपल्स/ब्लैकहेड्स।
- बार-बार भीगना: गीली त्वचा पर माइक्रोबियल ग्रोथ तेज़।
- तापमान में उतार-चढ़ाव: बाहर नमी, अंदर AC → ट्रांस-एपिडर्मल वॉटर लॉस का असंतुलन, जिससे कुछ लोगों को ड्राइ-पैचेज भी लगते हैं।
- गंदे तौलिए/तकिए: नमी में जल्दी दूषित होते हैं, जिससे एक्ने/फंगल बढ़ सकता है।
मुख्य सीख: बरसात में जेंटल क्लीन्ज़िंग, हल्का-पर-इफेक्टिव मॉइस्चराइज़ेशन, ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन और साफ-सुथरी हाइजीन पर फोकस करें।
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2) स्किन-टाइप के अनुसार डेली रूटीन (CTM + सनस्क्रीन)(बरसात में पिंपल्स का इलाज)

| स्किन-टाइप | Cleanse | Treat (सीरम/टोनर) | Moisturize | Sunscreen |
|---|---|---|---|---|
| ऑयली/एक्ने-प्रोन | जेंटल, सल्फेट-फ्री, फोमिंग | नायसिनामाइड/सैलिसिलिक-आधारित, अल्कोहल-फ्री | ऑयल-फ्री, नॉन-कॉमेडोजेनिक, जेल-बेस्ड | SPF 30–50, लाइट जेल |
| कंबिनेशन | जेंटल क्लींजर | टी-ज़ोन के लिए पोर्स टोनर, U-ज़ोन के लिए हाइड्रेटिंग | हल्का लोशन/जेल | SPF 30–50 |
| ड्राई/नॉर्मल | क्रीमी जेंटल क्लेंज़र | हायल्यूरोनिक/पैंथेनॉल | लाइट क्रीम/लोशन | SPF 30+ क्रीम या लोशन |
| सेंसिटिव | फ्रेगरेंस-फ्री, मिनिमल | एलो/पैंथेनॉल/सेंटेला | फ्रेगरेंस-फ्री, सूदिंग | मिनिमल-एडिटिव, SPF 30+ |
3) डेली स्टेप-बाय-स्टेप केयर(Rainy Season Skin Care Tips)
सुबह (AM)
- क्लींज़: गुनगुने पानी से चेहरा धोकर जेंटल क्लींजर से 30–40 सेकंड मसाज।
- हाइड्रेट/ट्रीट: स्किन-टाइप के अनुसार टोनर/सीरम (हायल्यूरोनिक, नायसिनामाइड, पैंथेनॉल आदि)।
- मॉइस्चराइज़र: ऑयली स्किन → जेल-बेस्ड; ड्राई → लाइट क्रीम।
- सनस्क्रीन: SPF 30–50, दो उंगली नियम (Two-Finger Rule) के अनुसार पर्याप्त मात्रा। बाहर रहने पर 2–3 घंटे में पुन: लगाएँ।
दिन (On-the-go)
- ऑयलीनेस पर ब्लॉटिंग पेपर/सॉफ्ट टिश्यू।
- धूप/बारिश में भी सनस्क्रीन री-एप्लिकेशन (यदि पसीना/पानी लगा हो)।
- भारी मेकअप से बचें; टिंटेड मॉइस्चराइज़र + सनस्क्रीन बेहतर।
रात (PM)
- डबल क्लींज़ (यदि मेकअप/सनस्क्रीन भारी हो): पहले ऑयल/मिसेलर, फिर जेंटल फेस-वॉश।
- ट्रीटमेंट: एक्ने-प्रोन में सलिसिलिक/अज़ेलिक-आधारित लो-स्ट्रेंथ विकल्प (डर्मा सलाह अनुसार)।
- मॉइस्चराइज़र: त्वचा में हल्का-सा ड्यूई फील ठीक है—ओवर-कोटिंग से बचें।
- स्पॉट-ट्रीटमेंट: सक्रिय पिंपल पर केवल स्पॉट-जेल लगाएँ; पूरे चेहरे पर नहीं।
4) साप्ताहिक केयर: एक्सफोलिएशन, मास्क, स्टीम
- एक्सफोलिएशन: सप्ताह में 1–2 बार। ऑयली/कॉमेडोनल स्किन पर बीएचए/पीएचए आधारित जेंटल एक्सफोलिएंट; सेंसिटिव स्किन पर कंज़र्वेटिव रखें।
- क्ले/चारकोल मास्क: सप्ताह में 1 बार, 10–12 मिनट। ओवर-ड्राइंग से बचें।
- फेस-स्टीम (वैकल्पिक): 3–5 मिनट नरम स्टीम; इसके बाद कूल टॉवल से पोर-सीलिंग फील मिलेगा।
- लिप/अंडर-आई केयर: हाइड्रेटिंग बाम/जेल-आधारित आई-क्रीम, सप्ताह में 2–3 रात।
5) आम समस्याएँ व समाधान

(a) पिंपल्स/ब्लैकहेड्स
- हाइजीन: तकिए के कवर हर 2–3 दिन में बदलें; फेस-टॉवल अलग रखें।
- रूटीन: जेंटल क्लींज़ + हल्का मॉइस्चराइज़र + नॉन-कॉमेडोजेनिक सनस्क्रीन।
- ट्रीटमेंट: सलिसिलिक/अज़ेलिक/नायसिनामाइड; नए एक्टिव्स एक-एक कर जोड़ें।
- ना करें: पिंपल्स फोड़ना, हार्श स्क्रबिंग, बार-बार प्रोडक्ट बदलना।
(b) फंगल रैशेज/घमौरियाँ
- ड्राई रखें: गीले कपड़े तुरंत बदलें; सांस लेने वाली फैब्रिक पहनें।
- पाउडर: एंटी-फंगल/कूलिंग टैलक (डॉक्टर सलाह अनुसार)।
- कब डॉक्टर को दिखाएँ: रैशेज फैलें/खुजली बढ़े/दर्द या पस हो।
(c) सेंसिटिव/एलर्जी
- मिनिमलिस्ट रेजिमेन: फ्रेगरेंस-फ्री, अल्कोहल-लो।
- SOS: एलो/सेंटेला/पैंथेनॉल आधारित सूदिंग जेल।
- ट्रिगर: हार्श टोनर, स्क्रब, लेमन/अंडाइल्यूटेड EO से बचें।
6) मेकअप व सनस्क्रीन: सही तरीके और मिथक
- मिथक: बारिश में सनस्क्रीन की ज़रूरत नहीं।
सच: UV किरणें बादलों को भेदती हैं; SPF 30–50 रोज़ लगाएँ। - लाइट मेकअप: टिंटेड मॉइस्चराइज़र/BB, वॉटर-रेज़िस्टेंट मस्कारा/काजल।
- री-एप्लिकेशन हैक: पाउडर-आधारित SPF/मिस्ट-आधारित SPF (यदि उपलब्ध) बाहर रहते समय सहूलियत देता है।
- क्लीन्ज़िंग: मेकअप हटाना अनिवार्य, वरना पोर्स बंद।
बरसात में स्किन के लिए घरेलू नुस्खे
नोट: किसी भी DIY को पैच-टेस्ट करें; जलन/एलर्जी हो तो बंद करें। आँख/होठ से दूर रखें, और हफ्ते में 2–3 बार से ज़्यादा न करें।
- नींबू + शहद (Diluted)
- 1 टीस्पून शहद + 2–3 बूंद नींबू + 1 टीस्पून पानी।
- 10 मिनट लगाकर धो लें। ऑयली स्किन पर ऑकेज़नली। सेंसिटिव स्किन में अवॉयड/भारी डाइल्यूशन।
- खीरा + एलो जेल
- 1 टेबलस्पून खीरे का रस + 1 टेबलस्पून एलो।
- सूदिंग, कूलिंग; 15 मिनट।
- हल्दी + चंदन + गुलाबजल
- 1/4 टीस्पून हल्दी + 1 टीस्पून चंदन + गुलाबजल।
- 8–10 मिनट; फिर धोएँ।
- ओट्स + दही (ड्राई/नॉर्मल)
- जेंटल एक्सफोलिएटिंग-क्लीनअप; 10 मिनट।
- 1 टेबलस्पून बारीक ओट्स + 1 टेबलस्पून दही।
बरसात में स्किन प्रॉब्लम्स के लिए क्या न करें

- Do’s
- दिन में 2 बार जेंटल क्लींज़िंग।
- ऑयल-फ्री/नॉन-कॉमेडोजेनिक मॉइस्चराइज़र।
- SPF 30–50 रोज़ाना, जरूरत पड़ने पर री-एप्लाइ।
- अलग फेस-टॉवल, साफ तकिए/फोन स्क्रीन।
- हल्का, सांस लेने वाला कपड़ा; भीगने पर तुरंत बदलें।
- Don’ts
- भारी, पोर्स-ब्लॉकिंग मेकअप।
- हार्श स्क्रब/अत्यधिक एक्सफोलिएशन।
- गीली त्वचा/कपड़ों में लंबे समय तक रहना।
- पिंपल फोड़ना/खुद से प्रयोगात्मक मिक्सेस बनाते रहना।
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Monsoon Skin Care से जुड़े कुछ प्रश्न
Q1. क्या बरसात में भी सनस्क्रीन ज़रूरी है?
हाँ, UV rays बादलों से भी नुकसान करती हैं।
Q2. क्या ऑयली स्किन वालों को मॉइस्चराइज़र लगाना चाहिए?
जी हाँ, बस oil-free moisturizer चुनें।
Q3. बरसात में फंगल इंफेक्शन से कैसे बचें?
गीले कपड़े तुरंत बदलें, antifungal powder का इस्तेमाल करें।
Q4. क्या घर पर बनाए फेस पैक फायदेमंद हैं?
हाँ, लेकिन हफ्ते में 2–3 बार ही इस्तेमाल करें।
Q5. क्या Monsoon में भी मॉइस्चराइज़र ज़रूरी है?
हाँ, जेंटल/लाइट फॉर्मूला त्वचा की बैरियर को सपोर्ट करता है—ऑयली स्किन में भी।
Q6. एक्ने/ब्लैकहेड्स जल्द कैसे नियंत्रित हों?
हाइजीन + जेंटल रूटीन + बीएचए/अज़ेलिक/नायसिनामाइड; पिंपल न फोड़ें; तकिए/फोन साफ रखें।
Q7. फंगल इन्फेक्शन और एक्ने में फर्क?
एक्ने आमतौर पर पोर-क्लॉगिंग से; फंगल रैश में खुजली/जलन/रैश फैलना—ऐसे में चिकित्सकीय सलाह लें।
Conclusion
बरसात में स्किन-केयर का मूलमंत्र है—साफ-सफाई, हल्का-पर-प्रभावी मॉइस्चराइज़ेशन, ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन और कंसिस्टेंसी। आपने जो Monsoon Skin Care Tips in Hindi यहाँ पढ़े, उन्हें अपनी डेली लाइफ में चरणबद्ध तरीके से अपनाएँ। 2–3 हफ्तों में आपको कम ऑयलीनेस, कम ब्रेकआउट्स और बेहतर स्किन-टेक्सचर महसूस होने लगेगा। किसी भी असामान्य जलन/रैश पर विशेषज्ञ से परामर्श लें—सेफ्टी फर्स्ट।









