भारत जैसे उष्णकटिबंधीय देश में गर्मी का मौसम कई बार जानलेवा साबित हो सकता है। जब तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक पहुंचता है, तब हीट स्ट्रोक (Heat stroke in hindi) का खतरा बहुत बढ़ जाता है। यह एक गंभीर मेडिकल स्थिति होती है, जिसमें शरीर का तापमान असामान्य रूप से बढ़ जाता है और शरीर की प्राकृतिक कूलिंग प्रणाली (पसीना) काम करना बंद कर देती है। हिंदी में इसे “लू लगना” भी कहा जाता है।
हीट स्ट्रोक को अनदेखा करना घातक साबित हो सकता है, इसलिए इसके लक्षणों को पहचानना और समय रहते इलाज करना बेहद जरूरी है। आइए विस्तार से जानते हैं हीट स्ट्रोक के लक्षण क्या हैं, इसका मतलब, कारण, इलाज और घरेलू बचाव के तरीके।
हीट स्ट्रोक क्या है? | Heat Stroke Meaning in Hindi
हीट स्ट्रोक एक चिकित्सा आपातकालीन स्थिति है, जिसमें शरीर का तापमान 104°F (40°C) या उससे अधिक हो जाता है। जब कोई व्यक्ति अधिक समय तक तेज धूप या गर्म वातावरण में रहता है और शरीर पसीने के माध्यम से खुद को ठंडा नहीं कर पाता, तो वह हीट स्ट्रोक की चपेट में आ सकता है।
यह स्थिति शरीर के मस्तिष्क, हृदय, गुर्दे और मांसपेशियों पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है। समय पर उपचार ना मिलने पर यह जानलेवा हो सकती है। आपको हीट स्ट्रोक के लक्षण क्या है इसके बारे में डिटेल में बताते है।
हीट स्ट्रोक के लक्षण | Heat Stroke ke Lakshan

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हीट स्ट्रोक के लक्षण व्यक्ति की उम्र, स्वास्थ्य और शरीर की सहनशक्ति के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं। नीचे कुछ सामान्य और गंभीर लक्षण दिए गए हैं।
सामान्य लक्षण :-
- तेज़ और लगातार सिरदर्द
- मतली और उल्टी
- थकान और कमजोरी का अनुभव
- घबराहट और बेचैनी
- भारीपन और सुस्ती
गंभीर लक्षण :-

- तेज़ बुखार (104°F या उससे अधिक)
- त्वचा का लाल, गर्म और सूखा होना (पसीना नहीं आना)
- चक्कर आना या बेहोशी
- दृष्टि धुंधली होना या भ्रम की स्थिति
- तेज हृदयगति (दिल की धड़कन बढ़ जाना)
- मांसपेशियों में ऐंठन या झटके (seizures)
- सांस लेने में तकलीफ
यदि ऊपर दिए गए लक्षणों में से कोई भी दिखे, तो तुरंत व्यक्ति को छाया या ठंडी जगह पर ले जाएं और डॉक्टर से संपर्क करें।
हीट स्ट्रोक के मुख्य कारण | Causes of Heat Stroke

1. लंबे समय तक धूप में रहना
गर्मी के दिनों में दोपहर के समय बाहर निकलना हीट स्ट्रोक का सबसे बड़ा कारण बन सकता है।
2. शारीरिक श्रम (वर्कआउट, मेहनत का काम)
खेतों, फैक्ट्री या निर्माण स्थल पर काम करने वाले लोगों को ज़्यादा खतरा होता है।
3. पर्याप्त पानी ना पीना
शरीर का डिहाइड्रेट होना हीट स्ट्रोक की संभावना बढ़ा देता है।
4. टाइट और भारी कपड़े पहनना
जिससे शरीर का तापमान और अधिक बढ़ सकता है।
5. बीमारियां या दवाइयों का प्रभाव
जैसे ब्लड प्रेशर, थायरॉइड, या डिहाइड्रेशन करने वाली दवाएं।
हीट स्ट्रोक का इलाज | Heat Stroke Treatment in Hindi

हीट स्ट्रोक के इलाज में देरी नहीं करनी चाहिए। इसका इलाज इस प्रकार करें।
तुरंत करें:-
- व्यक्ति को छाया में ले जाएं या किसी एयर-कंडीशनर वाले कमरे में रखें।
- उसके कपड़े ढीले करें और शरीर को गीले कपड़े से पोछें या ठंडे पानी से नहलाएं।
- बर्फ की थैली बगल, गर्दन और जांघों पर रखें — यह खून को ठंडा करने में मदद करती है।
- यदि व्यक्ति होश में है, तो उसे ORS, नींबू पानी, नारियल पानी या ठंडा पानी दें।
क्या ना करें:-
- व्यक्ति को कैफीन या एल्कोहल युक्त ड्रिंक ना दें।
- जब तक व्यक्ति पूरी तरह होश में न आ जाए, ठोस खाना ना दें।
- अगर उल्टी, बेहोशी या झटके आ रहे हों, तो डॉक्टर को तुरंत बुलाएं।
हीट स्ट्रोक से बचाव के उपाय | Heat Stroke Se Kaise Bache

- धूप में कम से कम जाएं, खासकर दोपहर 12 से 3 बजे के बीच।
- हल्के और सूती कपड़े पहनें, जो पसीना सोख सकें।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, दिन में कम से कम 3-4 लीटर।
- छतरी, टोपी, सनग्लास या गमछे का उपयोग करें।
- फल और तरल पदार्थों का सेवन बढ़ाएं, जैसे तरबूज, खीरा, आम पना, छाछ आदि।
- खाना हल्का और सुपाच्य खाएं, तली-भुनी चीजें गर्मी में नुकसानदायक होती हैं।
- बच्चों और बुज़ुर्गों का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि ये सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।
घरेलू उपाय | Heat Stroke ke Gharelu Upay
- आम पना:- कच्चे आम को उबालकर, उसमें जीरा, काला नमक मिलाकर ठंडा करके पिएं।(आम पन्ना बनाने का तरीका )
- छाछ (मट्ठा):- दिन में 2 बार पीने से शरीर ठंडा रहता है।
- नींबू पानी और नारियल पानी:- इलेक्ट्रोलाइट्स को संतुलित रखते हैं।
- प्याज का रस:- गर्दन या छाती पर लगाने से लू से राहत मिलती है।
- लौकी और दही :- लौकी और दही का रायता बना के खा सकते है यह शरीर को ठंडा रखता है।
Conclusion
हीट स्ट्रोक से बचाव हमेशा इलाज से बेहतर होता है। गर्मी के मौसम में थोड़ी सी सावधानी आपको गंभीर स्थिति से बचा सकती है। शरीर में अगर थोड़ी सी भी असामान्यता महसूस हो, तो उसे नजरअंदाज न करें। ऊपर दिए गए लक्षणों और उपायों को अपनाकर आप खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं।
Heat stroke in hindi से जुड़े कुछ प्रश्न
Q1. हीट स्ट्रोक के मुख्य लक्षण क्या हैं?
हीट स्ट्रोक के मुख्य लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, चक्कर आना, उल्टी, त्वचा का सूखना, पसीना ना आना और बेहोशी शामिल हैं।
Q2. लू और हीट स्ट्रोक में क्या अंतर है?
लू हल्की गर्मी की समस्या होती है जिसमें चक्कर और थकावट होती है, जबकि हीट स्ट्रोक गंभीर स्थिति है जिसमें शरीर का तापमान बहुत बढ़ जाता है और व्यक्ति बेहोश भी हो सकता है।
Q3. हीट स्ट्रोक से बचने के लिए क्या खाना चाहिए?
तरबूज, खीरा, आम पना, नींबू पानी, नारियल पानी, छाछ और हल्का भोजन हीट स्ट्रोक से बचाव में मदद करता है।
Q4. हीट स्ट्रोक होने पर क्या तुरंत करें?
मरीज को ठंडी जगह पर ले जाएं, शरीर को ठंडा करें, पानी या ORS पिलाएं (अगर होश में हो), और तुरंत डॉक्टर को बुलाएं।
Q5. बच्चों और बुज़ुर्गों को हीट स्ट्रोक से कैसे बचाएं?
इन्हें धूप में ना निकलने दें, हल्के कपड़े पहनाएं, हाइड्रेट रखें और ठंडी चीजों का सेवन करवाएं।